अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर। अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर।
इस कविता में मैंने एक मानवीकरण उपकरण द्वारा उन सब से सवाल करने की कोशिश की है , जिसके लिए इंसान हर ... इस कविता में मैंने एक मानवीकरण उपकरण द्वारा उन सब से सवाल करने की कोशिश की है ,...
मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नहीं मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नह...
देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके झूर-झूर मनुहार देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके ...
यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।। यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।।
गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है, गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे, हो गये मानो सभी आभास है,